कुछ अल्फाज लिखें!!

आओ कुछ अल्फाज लिखे,
कुछ जीत लिखे, कुछ हार लिखे।
कुछ सच, कुछ वक्त का आगाज लिखे।
आखों के वो ख्वाब लिखे,
सपनो का संसार लिखे।
कुछ आज लिखे,
कुछ कल की हुंकार लिखे।
बैठ जाती हूँ अक्सर जमीं पर,
और निहारती हूँ बादलों के इस गगन को।
आज हो न हो पर कभी तो होगें हम भी बुलंदी पर
आओ अपने ख्वाबों की वो मुलाकात लिखे।
कुछ जीत लिखे,कुछ हार लिखे।
छू न पायी अभी मैं आसमां तो क्या,
बन न पायी अभी में जग का सितारा तो क्या।
बनेगें कभी तो पापा के सपनों का वो राजा बेटा।
सच न सही, फिर भी लो ये आस लिखे।
कुछ सच, कुछ वक्त का आगाज लिखे।
लिखने को नहीं है अपनी खुद की उपलब्धियां
और न कभी ऐसा कुछ किया,
जो लिखने लायक हो।
अपना न सही, किसी और का सही,
लो चलो आज नया इतिहास लिखे।
कुछ काम पूरे, तो कुछ अधूरे लिखे,
आओ कुछ अल्फाज लिखे,
कुछ जीत लिखे, कुछ हार लिखे।
Beautifully penned 💛
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Thanks
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My pleasure
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🌸🌸🍁
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बहुत सुंदर । अल्फ़ाज़ लिखती रहिये ।
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जी शुक्रिया
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