माफ कर देना!!

“सिर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो…
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो..”
मैं अगर हद से गुजर जाऊं तो मुझे माफ कर देना,
तेरे दिल में उतर जाऊं तो मुझे माफ कर देना…
यूं तो गुस्से में अकसर डांट देना आदत है मेरी,
अगर मैं ऐसा कर जाऊं तो मुझे माफ कर देना…
रास्ते में रूक कर कहीं देते दिदार के खातिर पल भर जो ठहर जाऊं,
तो मुझे माफ कर देना…
अपने जज्बात से लिखी हुई ये शाख गजल तेरे नाम कर जाऊं,
तो मुझे माफ कर देना…
तेरे से पल भर की भी जुदाई मुझे जीने नहीं देती,
तेरे बिन जो मैं मर जाऊं तो मुझे माफ कर देना…